हमारे घर में पड़ोसी घर बनाकर हमारे साथ रहने लगे, तो हम खुश रह पायेंगे क्या ?
हमारे आटे की रोटी भी छीन लें चुरा लें, हमारे बच्चों के हाथ से कोई उपहार झपट लें या हमसे ही अपना हक जताने लगे तो भी, क्या हम साथ रखेंगे ।
जमाने की बात करुं तो भाई का हिस्सा भी खुद खाने की चाहत रखने वालों का समय है।
आज हमारे देश में बाहरी लोगों की आवक इतनी बढ रही है कि आने वाले समय में हमें देश छोड़कर चले जाने को कह दिया जाएगा, घुसपैठ के साथ ही वो लोग हमारे हिस्से को लूटेंगे और अपने देश में ले जायेंगे, भारत की बढ़ती ख्याति से वो लोग हमारे देश का हिस्सा बन चुके हैं, नागरिकता ले चुके हैं, कुछ दलालों की वजह से उन्हें उनके देश में ही प्रमाण पत्र बनकर मिल जाता है और वो आसानी से सीमा में घुस जाते हैं।
यहां से कीमती वस्तुओं की तस्करी करते हैं।
यह रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे।
हिंदू मुस्लिम की राजनीति करने वाले लोगों को वोट की चाहत हो सकती है, देश की नहीं।
कुछ लोग वोटर बढ़ाने के लिए देश को खतरें में डाल रहे हैं।
उन्हें घुसपैठियों के साथ देश से बाहर खदेड़ देना चाहिए।
एक भारतीय नागरिक