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शुक्रवार, नवंबर 29, 2024

केतु ग्रह कौन है? ketu grah aur Shanti


दोस्तों,
केतु हिंदू ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण छाया ग्रह माना जाता है। यह राहु की तरह एक छाया ग्रह है, जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। ज्योतिष में केतु को रहस्यमय, मोक्षदायक, और आध्यात्मिक ग्रह के रूप में जाना जाता है। इसे ज्ञान, वैराग्य, और आध्यात्मिकता का कारक माना जाता है, और इसका प्रभाव व्यक्ति के मानसिक और आध्यात्मिक विकास पर पड़ता है।

केतु की उत्पत्ति की कथा

केतु का संबंध राहु से है, और दोनों का उत्पत्ति का वर्णन समुद्र मंथन की कथा में मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला, तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण करके देवताओं को अमृत बांटने का निश्चय किया। स्वरभानु नामक एक असुर ने देवताओं का वेश धारण कर अमृत पी लिया, लेकिन सूर्य और चंद्रमा ने उसे पहचान लिया। इसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से स्वरभानु का सिर और धड़ अलग कर दिया। उसके सिर को राहु और धड़ को केतु के रूप में जाना गया।

केतु का स्वरूप

केतु का स्वरूप रहस्यमय और अर्ध-दैवीय माना जाता है। केतु को अक्सर एक धड़ या सर्प के रूप में दिखाया जाता है, जिसमें सिर नहीं होता। इसे धड़-विहीन छाया ग्रह माना जाता है, और इसके प्रभाव को रहस्यमय और कभी-कभी अप्रत्याशित माना जाता है।

ज्योतिष में केतु का महत्व

ज्योतिष में केतु का स्थान व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिकता, वैराग्य, और मुक्ति के मार्ग पर प्रभाव डालता है। इसे मोक्ष का कारक ग्रह कहा गया है। केतु का प्रभाव व्यक्ति के आंतरिक विकास, ध्यान, और ध्यान के प्रति झुकाव को बढ़ाता है। यह व्यक्ति को सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर जीवन को गहराई से समझने की प्रेरणा देता है।

केतु के निम्नलिखित प्रभाव होते हैं:

आध्यात्मिकता: यह व्यक्ति को आंतरिक शांति और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।

वैराग्य: केतु के प्रभाव में व्यक्ति सांसारिक सुखों से विमुख होकर मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर होता है।

अचानक घटनाएं: कभी-कभी केतु अप्रत्याशित घटनाएं भी लाता है, जिससे जीवन में अचानक बदलाव आ सकते हैं।

ज्ञान और रहस्य: यह ग्रह गहरे ज्ञान और रहस्यों का प्रतीक है। यह व्यक्ति को छिपे हुए या रहस्यमयी ज्ञान की ओर आकर्षित कर सकता है, जैसे कि ज्योतिष, तंत्र, या आध्यात्मिक साधना।


केतु के उपाय और पूजन

केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने और इसके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। इन उपायों में केतु मंत्रों का जाप, धूप, और उपासना शामिल हैं। शनिवार के दिन काले वस्त्र, काले तिल, सरसों का तेल, और दान के माध्यम से केतु की शांति के लिए उपाय किए जा सकते हैं। इसके अलावा ध्यान, योग, और मंत्र जाप भी केतु के प्रभाव को शांत करने में सहायक होते हैं।
केतु का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति, आत्मज्ञान, और गहरे आध्यात्मिक अनुभव ला सकता है।
धन्यवाद 

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