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गुरुवार, अक्टूबर 31, 2024

लोगों की बातें ज्यादा नहीं सुननी चाहिए । Logon ki bate jyada nhi chunani chahiye

लोगों की बातें ज्यादा नहीं सुननी चाहिए 

 दोस्तों आप कर्म किए जाओ,

 आप किसी और के कहने में ना आए क्योंकि,

 लोगों की आदत है कहना 

अच्छे को बुरा कहते हैं 

और बुरा करते हैं तो भी बुरा कहते हैं 

अच्छा करते हैं तो भी अच्छा ही कह देते हैं

 इस तरह से उनका कहने से कोई हमारा लेना देना नहीं है 

इसलिए जो काम अपने खुद के लिए कर रहे हो या करने की ठानी है

 उसे आप करते रहिए क्योंकि वह काम आप खुद के लिए कर रहे हो

 किसी और के लिए नहीं कर रहे हो यदि आप किसी और के लिए कर रहे हो

 और वाह वाही के लिए कर रहे हो तो फिर आपको उनकी बातों को सुनना चाहिए

 लेकिन आप जो काम अपने खुद के लिए कर रहे हैं

 उस काम को आपको करना ही चाहिए

 लोगों के बहकावे में आते गए तो ,

वह आपका काम चौपड़ होने में समय नहीं लगेगा,


इसी विषय को लेकर आज मैं आपके सामने एक अच्छी कहानी लेकर आया हूं

 जिसे आप पढ़ कर यह जान पाओगे कि

 लोग कहां से कहां तक पहुंचा देते हैं तो पढ़िए।



दोस्तों एक समय की बात है 

एक गांव में एक बाप और एक बेटा ,

अपने एक गधे को लेकर खेत से घर की ओर आ रहे थे 

रास्ते में कोई मिला उसने देखते ही बोला कि , 

आपके पास गधा है तो बेटे को गधे पर बिठा दो

 यह चल नहीं पा रहा है बाप ने उसकी बात सुनकर बेटे को गधे पर बैठा दिया



 और खुद आगे आगे चलने लगा कुछ ही दूर पर दूसरा आदमी मिला

 जिसने देखते ही बोला बच्चा तो छोटा है आप बुड्ढे हो तो ,

आप गधे पर बैठ जाते बच्चा पैदल चल लेता 

उसकी बात सुनकर बेटा नीचे उतर गया 


और बाप को गधे पर बैठा दिया कुछ ही दूर चले थे कि ,

एक और आदमी मिल गया जिसने कहा कि बाप तो गधे पर चढ़ा है

 और बेटे को पैदल चला रहा है अब बाप ने बेटे को भी गधे पर बैठा दिया

 और चलने लगे थोड़ा आगे चलते ही फिर कोई मिल गया

 उसने देखते ही बोला कितने निर्दय आदमी हो,

 गधे की हालत खराब हो रही है फिर भी बेसहारा दोनों का बोझ का उठाकर चल रहा है।

उस आदमी की बात सुनकर दोनों गधे से नीचे उतरे 

और गधे को उल्टा बांध कर अपने कंधों पर लेकर चलने लगे तब तक गांव में आ गए 



गांव वाले देखकर हंसने लगे और

 कहने लगे बाप बेटा दोनों कितने बेवकूफ है जिस गधे पर चढ़ कर सफर करना चाहिए उसी 

गधे को कंधे पर उठाकर लेकर आ रहे हैं 

तो दोस्तों अब इस कहानी को पढ़ने के बाद आपके समझ में आ गया होगा कि

 लोग कुछ भी बोल सकते हैं लेकिन

 उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए यदि

 उनकी बातों पर ध्यान देते हैं तो फिर 

उसी बाप बेटे के जैसी स्थिति हमारी भी हो जाती है 

इसलिए यह सीखने से शिक्षा मिलती है कि

 हमें किसी और की परवाह ना करते हुए 

हमें हमारे कर्म करते रहना चाहिए 

 हमारा ब्लॉग़ आपको पसंद आया है तो एक प्यारा सा कमेंट करते जाइए, इससे भी मजेदार और अच्छी बातें जानने के लिए अगले पेज की तरफ चलिए।

धन्यवाद 

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संत रामानंद जी महाराज के शिष्य

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