मेरा राम न्यारा रे,
नाम रंग रूप और आकारा रे,
मेरा राम न्यारा रे !!
ना प्रसाद लेता मुझसे वो,
ना धूप धुकारा रे !
ना भंगवा पहनन को कहता,
ना त्यागन को संसारा रे !!
मेरा राम………….,
नाम रंग रूप और आकारा रे,
मेरा राम न्यारा रे !!
ना प्रसाद लेता मुझसे वो,
ना धूप धुकारा रे !
ना भंगवा पहनन को कहता,
ना त्यागन को संसारा रे !!
मेरा राम………….,
ना कहता मुंडन को माथा,
ना ही मुँछ कटारा रे !
जटा बढावन ना बोले,
ना भस्म खेलन अंगारा रे !!
मेरा राम…………,
ना ही मुँछ कटारा रे !
जटा बढावन ना बोले,
ना भस्म खेलन अंगारा रे !!
मेरा राम…………,
ना मंदिर, ना मस्जिद बनाना,
ना ही चर्च गुरूद्वारा रे !
ना कहता तिर्थाटन जाओ,
ना नहाना गंगधारा रे !!
मेरा राम……………,
ना ही चर्च गुरूद्वारा रे !
ना कहता तिर्थाटन जाओ,
ना नहाना गंगधारा रे !!
मेरा राम……………,
मक्का काशी मगहर ना भेजे,
ना पूजावे चांद तारा रे !
नवरात्र रोजा ना रखावे,
ना करता बकरा भैंसा आहारा रे !!
मेरा राम………….,
ना पूजावे चांद तारा रे !
नवरात्र रोजा ना रखावे,
ना करता बकरा भैंसा आहारा रे !!
मेरा राम………….,
न वाद्य आरती मे,बांग न अजान मे,
न मद्य मे मतवारा रे !
चादर गहना बलि ना माँगे,
न टोपी पगडी तलवारा रे !!
मेरा राम…………..,
न मद्य मे मतवारा रे !
चादर गहना बलि ना माँगे,
न टोपी पगडी तलवारा रे !!
मेरा राम…………..,
ब्राह्मण काजी पादरी,
और पीर फकीरा रे !
एक सरीखा वांकु सब,
काला गौरा निर्धन अमीरा रे !!
मेरा राम…………..,
और पीर फकीरा रे !
एक सरीखा वांकु सब,
काला गौरा निर्धन अमीरा रे !!
मेरा राम…………..,
रैण दिवस क्या ह्र्दय से अर्ज कर,
सोवत जागत अंदर बाहरा रे !
हम बालक तेरे तुम नाथ हमारे,
प्रभु “देवा” मूर्ख फिर भी तेरा प्यारा रे !!
मेरा राम………..,
सोवत जागत अंदर बाहरा रे !
हम बालक तेरे तुम नाथ हमारे,
प्रभु “देवा” मूर्ख फिर भी तेरा प्यारा रे !!
मेरा राम………..,
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई एक ही हैं,
ये तो जग का धारा रे !
जीव निर्जीव सारे उंके घडे,
तुम और ये देवा सुथारा रे !!
मेरा राम न्यारा रे,
नाम रंग रूप और आकारा रे !
मेरा राम न्यारा रे !!
ये तो जग का धारा रे !
जीव निर्जीव सारे उंके घडे,
तुम और ये देवा सुथारा रे !!
मेरा राम न्यारा रे,
नाम रंग रूप और आकारा रे !
मेरा राम न्यारा रे !!
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अच्छा हैं