56” इंस का सीना
देश में आँतकवादी रोज आ रहे हैं,
नक्सलवादी जोर अपना दिखा रहे हैं,
बिना सर के धड़ , शहीद के आ रहे हैं,
और वो घर घर शोचालय बना रहे हैं,
पार्टी वाले हर हर मोदी गा रहे हैं,
विपक्ष के घोटाले गिना रहे हैं,
डिजिटल धन अपना रहे हैं,
पढे लिखों से अँगूठे
लगवा रहे हैं,
बच्चो से आधार का प्रचार करा रहे हैं,
पतंज्ली की पुत्रबिजक दवा चला रहे है,
पत्नी को भुलाकर बेटी बचाओ कह रहे है,
तीन तलाक से डर रहे हैं,
गौ सेवक को गुंडा समझ रहे हैं,
पाक में बिन बताये चाय पी के आ रहे हैं,
कशमीर के लिये यूएस यू के जा रहे हैं,
चश्मे मे स्व्स्छ भारत लिखा रहे हैं,
चर्खे में फोटो अपना छपा रहे हैं,
नोटो में गांधी को घुमा रहे हैं,
वोटो में खादी को झुमा रहे हैं,
या तो सीना छोटा करा रहे हैं
या ‘देवा’ बयान भुला रहे हैं,
ए ‘जाँगिड़’ कई गीत गा रहे है,
अब ‘बान्ड’ में अच्छे दिन आ रहे हैं.!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अच्छा हैं