सोमवार, मार्च 13, 2017

हम सब एक होना चाहते हैं,

मुझे लगता हैं सब एक ही तरह से पैदा होते हैं ,
चाहे इंसान हो  या जानवर
फिर भी इंसान क्युँ इन अलग अलग क्रियाओ में पड़ता हैं  जाति, धर्म क्यों बनाता हैं ?
मुझे तो इन 
बातों से नफरत होती हैं, जब धर्म या जाति के नाम पर एक दूसरे से झगडा करते हैं, दंगे करते हैं, हिंदू मुस्लिम का अपमान करता हैं तो मुस्लिम हिंदू का,
दुनिया मैं इतने धर्म और जातियो का मेला बना बैठा हैं, कि गिनना मुश्किल हैं .
क्या मिलता हैं हमको इन बातों से,
हर आदमी को कमा कर खाना हैं जो धर्म जाति में  क्या अंतर हैं पेट सबके पास हैं,
सबको एक दिन तो किसी दूसरे धर्म जाति वाले से काम पड़ता ही हैं तो विरोध क्युँ,
हा कोई गलत करता हैं तो
 उसका विरोध करों,
चाहे वो हमारे या उनके जाति धर्म वाला हो ,
गलत हमेशा गलत ही होता हैं, साथ देना भी गलत होना हैं, उसे किसी जाति धर्म से ना जोडो,
मैं जानता हुँ, धर्म जाति बनाने वाला अपने कुछ नियम बना गया हैं लेकिन उनको मानने वाले सब भुल गये, केवल नफ़रत करना जानते हैं,
यदि मैं आज
 सबको एक करना चाहूँ तो, कुछ लोग जुड़ जायेंगे और कुछ विरोध करेंगे,
जब जुड़ना बंद होगा तब से एक नया धर्म बन जायेगा
लोग कहेंगे तु “देवा”  के धर्म वाला है
मैं ……….
इसलिए सबको एक 
करना किसी एक के बस की बात नही हैं, सबको साथ आना पडेगा,
इंसान होकर इंसानियत दिखानी होगी
गाली तो शराबी भी दे सकता हैं, कुता भी भोंकता हैं,
विश्व को एक परिवार बनाने के लिये मेरी बात आगे तक ले जाना है,
किसी और जाति धर्म वाले को भाइ कहकर बुलाओ.
उसके साथ बिताये खुशी के पल लोगों के साथ share करो,
धन्यवाद

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संत रामानंद जी महाराज के शिष्य

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