आज के इस समय में कोई आदमी सुखी नही हैं हर एक को कोई न कोई बात का दुःख जरूर हैं, तो आइये जानते हैं,;-
दुःख क्या होता हैं ?
सुनना हैं इसलिए न सुनने का दुःख,
देखना हैं इसलिए न देखने का दुःख,
बल चाहते हैं इसलिए निर्बल होने का दुःख,
धन चाहते हैं इसलिए निर्धन का दुःख,
जवानी चाहते हैं इसलिए बुढ़ापे का दुःख,
जीना चाहते हैं इसलिए मौत का दुःख,
तात्पर्य यह हैं कि हम जिस वस्तु की इच्छा करते हैं और हमारी इच्छा अधूरी रह जाती हैं अर्थात पूरी न हो पाती हैं इसलिए दुःख होता हैं !
यदि धैर्य रखें कि हमें सुख मिलेगा, तो दुःख होगा ही नही !
किसी वस्तु के आभाव से ही दुःख उत्पन होता हैं !
देवा जांगिड़
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अच्छा हैं