शनिवार, जनवरी 07, 2017

भारत माँ के लाल जागो

चल पंछी हुआ सवेरा, किरणों संग आये दिनकर !
उड़कर चले नभ में, कहीं से दाना लायें चुन2 कर!

जर्जर हुआ घोंसला, लाओ तिनका बिन2 कर !
भोर भई अब का सोवत हैं, उठ गए तेरे यार !
भारत माँ के लाल जागो, जननी रही पुकार !!
फूलों पे भँवरे मंडराए, ढोर चले सब चरने !
मजदुर हथियार ले चले, मेहनत मजदूरी करने !
आलस छोड़ आँख खोल, सब यार लगे बिसरने !
बस्ती में मुर्गा बोले, कोयल कूके आम की डार !!
भारत माँ के लाल जागो, जननी रही पुकार !!
सब सखा उठ गए प्रभात, अपने अपने काम !
कृषक हल कंधे रख चले, ले बीज तमाम !
बच्चे नहा धोकर स्कूल गये, सिखने नाम !
तुम जो ना समझ हो, सोये क्यों पांव पसार !!
भारत माँ के लाल जागो, जननी रही पुकार !!
तेरा तुझे ही करना, कर तू चाहे जब !
अब तो तेरी नींद न उडी,फिर करेगा कब !
उठ रे भाई! पुकारते, मेरे सूखे दोनों लब !
समय माणक जात हैं, उठ रे देवा सुथार !!
भारत माँ के लाल जागो, जननी रही पुकार !!
                  जय माँ भारती
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देवा जांगिड़

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