यह जीवन क्षण भंगुर मिटटी का खिलौना हैं,
पल हँसते2 मुँह समेटा नही , जो ना होना हैं,
वो होने की घड़ी आ बीती, अब शेष रोना हैं,
साथी हमारे रब को प्यारे हो गये,
हम स्वार्थी माया के जाल में खो गये,
दिन भर मन न माना, अब सूर्यास्त हो गये,
जीवन एक पतंग , दीपक यह माया हैं,
उजाला देख मत जा पास, तले में छाया हैं,
जाकर पास पंख जलाये, अब तू पछताया हैं,
जीवन एक चुनोती, माया इसकी वैरी हैं,
पाकर इसे मत बोल गर्व से, यह मेरी हैं,
यह कपटी चिड़िया उड़ जायेगी, न अब देरी हैं,
जीवन एक खेल हैं, अखाडा अखि संसार हैं,
डटकर खेल बावरे, तू अब तक गंवार हैं,
विपक्ष को कर पराजित, यदि होना पार हैं,
जीवन एक दुःख हैं, विपदाएं तोड़ जीना हैं,
कहीं बीमारी तो कहीं भूत प्रेत के पानी भीना हैं,
इस दुःख का टोना एक ही , राम रस पीना हैं,
जीवन एक गुत्थी हैं,हमको आज सुलझाना हैं,
अपने सर के बालों की तरह, इसको बनाना हैं,
मिला कुछ करने के लिए, जल्दी कर जाना हैं,
जीवन एक कर्तव्य हैं,शरीर इसका कर्ता हैं,
फल मोक्ष होता हैं, परन्तु जो जैसा करता हैं,
वैसा ही अपने नसीब के खाते में भरता हैं,
जीवन एक सुन्दर हैं, गुण सुंदरता होती हैं,
हरदम निहारिये जैसे कोई हीरा मोती हैं,
कमी का ध्यान रहे,सुन्दर की विलोम होती हैं,
जीवन एक अवसर हैं, समझ मनवा आज ही का हैं,
करले चाहें जो काम अभी, फिर अवसर ही कहाँ हैं,
निकल जाएं यह मौका हाथ से, पता भी तो ना हैं,
यह जीवन सफर, ज्यादा लंबा भी न हैं,
हम सोचते इतना सरल राह भी न हैं,
इस जंगली मार्ग में जीने का, विश्वास भी न हैं,
इस जीवन परीक्षा में, पास होना भी धर्म हैं,
हर बाधा रूपी सवालों का, जवाब देना भी कर्म हैं,
भले स्कुल छोड़ी हमने, परीक्षा छोड़ना तो भर्म हैं,
जीवन उस कृपालु का दिया हुआ उपहार हैं,
सहस स्वीकार करना मानव का अधिकार हैं,
नजराना साथ हैं दिया, जो तेरा परिवार हैं,
जीवन एक नैया, संसार सागर की गोद हैं,
उठा पतवार ना जाने, यहां कैसी होद हैं,
चल किनारे वहां ही तो, आमोद प्रमोद हैं,
जीवन एक प्रेम हैं, तन्मय होकर रहो,
आती हुई हर कड़वाहट को , दिल में सहो,
इस प्यारे जीवन में, कभी किसी से जुदा न हो,
जीवन के इस गीत को, हरदम गुनगुनाते रहना,
इन लंबी कड़ियों को तुम,दोहराते ही रहना,
“देवा” गाये यह गीत, सुनो भाई अर बहना,
देवा जांगिड़
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अच्छा हैं